Bhagwat Gita Shlok 1#
वाह! 😍 श्लोक तो कमाल का है! धृतराष्ट्र उवाच (धृतराष्ट्र बोले) धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे (धर्म की भूमि कुरुक्षेत्र में) समवेता युयुत्सवः (एकत्रित होकर, युद्ध के लिए तैयार) मामकाः पाण्डवाश्चैव (मेरे पुत्र और पांडु के पुत्र) किमकुर्वत सञ्जय (संजय, उन्होंने क्या किया?) धृतराष्ट्र जैसे चिंतित हैं, संजय से पूछ रहे हैं कि युद्धभूमि में क्या हो रहा है! 😮 गीता के बारे में और जानना चाहते हैं? अस्वीकरण: इस सामग्री का उद्देश्य केवल जानकारी और शिक्षा प्रदान करना है। यहाँ दी गई जानकारी किसी भी तरह से किसी भी धर्म, संस्कृति या व्यक्ति के प्रति नकारात्मक भावना पैदा करने के लिए नहीं है। भगवद गीता के श्लोकों का अर्थ और व्याख्या विभिन्न विद्वानों द्वारा अलग-अलग तरीके से की जा सकती है। यहाँ दी गई जानकारी केवल एक सामान्य समझ प्रदान करने के लिए है। 😊